कब्ज़, जिसे अंग्रेज़ी में Constipation कहते हैं, एक ऐसी स्तिथि है जिसमे मल पेट में ही जमा रहता है और पेट ढंग से साफ़ नहीं होता। और जब पेट में मल जमा रहता है, उससे शरीर में गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन और सिरदर्द जैसी परेशानियां झेलनी उत्पन्न होती हैं।
जानने वाली बात यह है कि Kabj Ka Permanent ilaj संभव है, सही उपचार और kabj specialist कि सलाह से यह जड़-मूल से नष्ट होजाता है। आम भाषा में अगर शौच करते समय ठीक तरह से मल त्याग ना हो और पेट में हमेशा भारीपन महसूस होता रहे, उसी स्थिति को कब्ज़ करार दिया जाता है।
कब्ज़ जितनी बहुप्रचलित बिमारी के बारे में जान लेने से उसके इलाज और रोकथाम में बहुत मदद मिल सकती है। कब्ज़ का परमानेंट इलाज क्या है? Kabj Ke Lakshan क्या हैं? Kabj Ke Kaaran क्या हैं? कब्ज कितनी प्रकार के होते हैं? Constipation Meaning in Hindi क्या है? Kabj Me Kya Khaye? Kabz Ki Dawa in Hindi कौन सी हैं? Kabj Ke Gharelu Upay क्या हैं? और Kabj Ka Ilaj क्या है? अब हम इन सारे सवालों के जवाब पायेंगे।
Table of Contents
- कब्ज क्या है — Constipation in Hindi
- कब्ज के कारण — Causes of Constipation in Hindi
- कब्ज के लक्षण — Symptoms of Constipation in Hindi
- कब्ज के प्रकार — Types of Constipation in Hindi
- कब्ज के नुकसान — Side Effects of Constipation in Hindi
- कब्ज के घरेलू उपाय — Kabj Ke Gharelu Upay
Constipation in Hindi — कब्ज क्या है
जैसे ही हमारा मल बहुत कड़क या कठोर हो जाता है हमें मल त्याग करने में कठिनाई होती है, इस स्थिति में पेट साफ़ करने में कठिनाई होती है और इसी स्थिति को कब्ज़ कहा जाता है। हमारे पाचन तंत्र में खराबी के कारण कब्ज़ हो जाता है। जैसे ही पाचन तंत्र ख़राब होता है, हमारा मल कठोर पड़ते जाता है और शौच के समय मल त्याग करने में जोर लगाना पड़ता है। कब्ज़ से मल त्याग कि मात्रा भी घट जाती है। कठोर मल होने कारण और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे पेट दर्द, गूदा दर्द इत्यादि।
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की मानें तो एक सव्स्थ्य इंसान को सप्ताह में कम से कम 12 बार मल त्याग करना चाहिए। अर्थात, 7 दिन में 12 बार मल त्याग करना एक स्वस्थ शरीर की निशानी है। कब्ज़ की शिकायत किसी भी उम्र में हो सकती है, और इसमें मूलतः पेट में गैस बनने लगती है।
जैसा की हम हमारे आसपास देखते ही रहते हैं कि कब्ज़ की समस्या से बच्चे, बूढ़े और लगभग सभी उम्र के लोग ग्रसित हैं। अनियमित जीवनशैली और आधुनिक संसाधनों पर निर्भरता के कारण लोग दो या तीन दिन तक भी मल त्याग नहीं कर पाते हैं और फिर उन्हें कब्ज़ होजाता है। कब्ज़ का निवारण समय रहते ना करने पर अनेकों बीमारियाँ हो जाती हैं। डॉक्टरों कि सलाह से एक व्यक्ति को 24 घंटों में कम से कम दो बार मल त्याग करना ही चाहिए, इससे पेट साफ़ रहता है। और जब पेट साफ़ ही रहता है तो कोई बीमारी घर कर ही नहीं पाती, फिर चाहे वो कब्ज़ हो या कब्ज़ से होने वाली बीमारियाँ kabz se hone wali bimariyaan
Causes of Constipation in Hindi — कब्ज के कारण
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- न्यूनतम मल त्याग: 24 घंटों में एक भी बार मल त्याग ना कर पाना, कब्ज़ का बहुत बड़ा कारण है।
- भोजन में फाईबर की कमी: जैसे ही भोजन से फाइबर घाट ते जाता है, वैसे ही आँतों की सफाई होना भी बंद होजाती है और इसी कारण कब्ज़ बढ़ने लगता है। फाइबर भोजन को पचाने में भी मदद करता है।
- मूत्र या यूरिन को रोके रखना: हम अक्सर ऐसा करते हैं की ऑफिस या कोई और काम चलते, यूरीन को रोके रखते हैं और टॉयलेट नहीं जाते, इससे यूरिन ट्रैक्ट कि समस्याओं के साथ कब्ज़ ही समस्या भी उत्पन्न होती हैं
- नींद की कमी: एक व्यक्ति को सव्स्थ्य जीवन के लिए 24 घंटे में कम से कम 7 घंटे तो सोना ही चाहिए। पर ऐसे भागदौड़ भरे काल में हम ज़्यादातर लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। नींद की कमी से पाचन क्रिया ढीली पड़ जाती है और उसी कारण कब्ज़ पैदा होता है।
- कम भोजन ग्रहण करना:शेप में रहने की लालसा से जरूरत से कम खाना।
- पानी की अत्यधिक कमी होना।
- शारीरिक श्रम ना करना: दिन पर दिन बढती सुविधाओं ने हम सभी को आलसी बना दिया है। आज हम शारीरिक मेहनत नहीं करना चाहते हैं और यदि करते भी हैं तो इतनी कम की उससे शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता। आलस्य अधिक करते हैं। शारीरिक काम के बजाय दिमागी काम ज्यादा करना चाहते हैं। इस कारण हमारा मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है और फिर कब्ज से जूझना पड़ता है।
- कब्ज़ देई दवाइयों का सेवन करना: ऐसी कई दवाएं होती हैं जिनका सेवन करने से एसिडिटी होती है और फिर कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर है की कोई भी दवा खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और अगर वो कब्ज़ करें तो उन्हें बताएं।
- बिना भूख लगे खाना खा लेना।
- बिना चबाये खाना खा लेना।
- जल्दबाज़ी में भोजन निगल लेना।
- खाना खाते समय पूरा ध्यान ना दे पाना।
- बदहजमी होने पर भी खाना खा लेना।
- बे वक़्त भोजन करना।
- चाय, कॉफी का अत्यधिक सेवन करना।
- धूम्रपान करना व मदिरा पान करना।
- ज़रुरत ज्यादा उपवास करना।
- थायरॉयड हार्मोन के प्रोडक्शन में गड़बड़ी होना।
- शरीर में कैल्सियम और पोटैशियम की मात्रा कम हो जाना।
- गरिष्ठ खाद्य पदार्थ का अर्थात् अधिक समय में पचने वाले भोजन का सेवन करना।
- आंत, लिवर और दिल की बीमारी के चलते भी कब्ज हो सकती है।
- अत्यधिक दुःख में रहने, चिंतित रहने या किसी से बहुत डरा हुआ होने पर भी कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है।
Symptoms of Constipation in Hindi — कब्ज के लक्षण
सांस में बदबू मिल जाती है।
- नाक लगातार बहती रहती है।
- भूख लगना अचानक कम होजाती है।
- हर थोड़ी देर में सिरदर्द होना।
- धीमे-धीमे चक्कर आना।
- घबराहट होना।
- चेहरे पर मुहासे (pimples) निकल आना।
- पेट दिन भर भारी रहना।
एसिडिटी होना और पेट में गैस बनना ।
- आँखों का जलना।
- शारीरिक कमज़ोरी होना।
- शौच के बाद भी पेट भरे रहना।
- बेवक्त पेट में मरोड़ होना।
- जीभ का सफेद या मटमैला हो जाना।
- कमर दर्द करने लगती है।
- मुंह में छाले उभर आते हैं।
Types of Constipation in Hindi — कब्ज के प्रकार
अगर आपको कब्ज़ है तो आपका शारीरिक रूप से परेशान होना तो तय है ही, साथ ही साथ मानसिक रूप से परेशान भी होना पड़ सकता है। कब्ज़ इतनी ढीट बिमारी है कि सार्वजनिक जगहें हो या घर या ऑफिस हर जगह उठाना-बैठना मुहाल होजाता है।
कब्ज प्रमुख रुप से दो प्रकार की होती है:
- गंभीर कब्ज
- पुरानी कब्ज
गंभीर कब्ज [Serious Constipation]: इस प्रकार की कब्ज़ बहुत ही खतरनाक होता है, जैसा की इसके नाम में ही गंभीर है। गंभीर कब्ज में मल निकलना बिलकुल बंद हो जाता है। गंभीर कब्ज़ के नाम में ही “गंभीर” है चूँकि इसमें पेट से गैस भी नहीं निकलती है। गंभीर कब्ज होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। परेशानी की बात तो ये हो जाती है कि इस प्रकार के कब्ज़ में गैस तक निकलना बंद हो जाती है। इसीलिए अगर आपको गंभीर कब्ज़ के लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
पुरानी कब्ज़ [Chronic Constipation]:
पुरानी कब्ज़ में मल अगर निकलता भी है तो बड़ी मुश्किल से और वो भी बहुत कम मात्रा में। चूंकि मल बहुत कड़ा हो जाता है इसलिए निकलने में तकलीफ होती है। जिन लोगों को पुरानी कब्ज़ होती है उन्हें मल त्याग के बाद कभी भी संतुष्टि नहीं होती है।
Side Effects of Constipation in Hindi — कब्ज के नुकसान
जैसा की हम जानते ही हैं, हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है, उसी तरह शरीर में अगर रोग है तो उससे नुकसान भी होते हैं। कब्ज से कुछ मुख्या नुकसान होते हैं:
- पेट में जलन व भारीपन होना
- भूख मर जाना
- उलटी जैसा लगना या उलटी होना
- छाती में जलन होना
- कब्ज़ होने से भगंदर, बवासीर, फिशर रोग होने की संभावना बढ़ जाना
- कब्ज़ पुराना हो तो आंतों में जख्म व सूजन हो जाती है
Kabj Ke Gharelu Upay — कब्ज के घरेलू उपाय
Kabj Ke Gharelu Upay कब्ज का इलाज कई तरीकों से संभव है लेकिन क्या आप जानते है कि कब्ज को घरेलू उपचार के जरिए भी ठीक किया जा सकता है। आइए देखें कैसे कब्ज़ को घर बैठे ही ठीक किया जा सकता है?
Kabz ke gharelu upay यूं तो कब्ज़ के कई उपचार हैं पर कब्ज़ के घरेलु उपचार बड़े कारगर साबित होते हैं। आइये देखते हैं कब्ज़ को घरेलु उपचार से कैसे ठीक करें?
Lemon For Constipation in Hindi — नींबू और पानी के उपयोग से मिलती है राहत
अगर आपको कब्ज़ है तो आप गर्म पानी, नीम्बू और नमक का घोल पी सकते हैं। ये कब्ज़ के सबसे कारगर उपायों में से एक है। नीम्बू में पाया जाता है सिट्रिक एसिड और नमक में सोडियम क्लोराइड। और जैसे ही गर्म पानी में मिलकर नीम्बू और नमक शरीर में जाते हैं शरीर कि पाचन क्रिया तुरंत बढ़ जाती है। ये ठीक वैसी रिएक्शन होती है जैसे बर्तन धोने का केमिकल बर्तनों को साफ़ करता है।
How To Use Lemon and Salt Water For Constipation in Hindi — कैसे करें नींबू पानी और नमक का उपयोग
सबसे पहले आप पानी को उबाल लें। पानी जैसी ही पीने लायक गुनगुना हो जाए तब उसमे नीम्बू रस निचोड़ लें, अब उसमे चुटकी भर नमक डालकर मिलाएं और धीरे-धीरे पीयें। पीने के बाद थोड़ी देर टहल लें, इससे प्रेशर बनेगा और शौच आराम से हो पाएगी।
Papaya For Constipation in Hindi — कब्ज में पपीता होता है लाभकारी
पपीते बड़ा ही गुणकारी फल है। इसमें औषधीय गुण होते हैं। यह भोजन को तुरंत पचाने में सक्शम होता है, दरअसल इसमें पपायिन नामक एंजाइम और विटामिन बी होता है, और दोनों ही पाचन तंत्र को सक्रीय कर देते हैं। पपीते में एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्र में होते हैं जो हमारी सेहत बढाते हैं। इसी प्रकार पपीते में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है।
जानने वाली बात है ये की पापीते को कब्ज़ का रामबाण कहा जाता है। आपका सवाल हो सकता है की कच्चा पपीता ज्यादा गुणकारी होता है या पका पपीता? तो आप जान लें की कच्चा पपीता और पक्का पपीता दोनों ही सामान मात्र में फायदा पहुंचाते हैं। आप इसे काटकर या इसका शेक बनाकर ग्रहण कर सकते हैं। असल में पपीता मल को मुलायम बनता है और साथ ही साथ आंतों को चिकना बनता है जिससे की मल आसानी से बहार निकाला जा सके। पपीते को खाने का सबसे उचित समय होता है रात को भोजन के बाद और सोने पहले।
How To Use Honey For Constipation in Hindi — कैसे करें कब्ज में शहद का उपयोग
कब्ज़ के मरीज़ को रोज़ सुबह ख़ाली पेट 2 चम्मच शहद खाने से काफ़ी राहत मिल सकती है। गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर रोज़ पीने से भी कब्ज़ से छुटकारा पाया जा सकता है। शहद डालकर हर्बल टी पीना भी बड़ा लाभदायक सिद्ध होता है।
Amrud Kabj Ka Rambaan Ilaj Hai — अमरूद होता है कब्ज का रामबाण इलाज
अमरूद विटामिन-सी से भरपूर होता है, अगर इसे काले नमक के साथ खाया जाए तो पाचन तंत्र को मज़बूत बनाता है। अमरूद के बीजों को चबाना पेट के रोगों से छुटकारा दिलवा सकता है। कब्ज़ से ग्रसित व्यक्ति के लिए सुबह ख़ाली पेट या खाने से पहले अमरूद का सेवन करना बड़ा फायदेमंद साबित होता है।
Kishmish Khane Se Kabj Me Rahat Milti Hai — किशमिश खाने से मिलती है कब्ज में राहत
किशमिश खाने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स एवं मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि न सिर्फ शरीर में ख़ून बनाते हैं बल्कि कब्ज़ को भी ठीक करते हैं। साथ ही साथ, किशमिश हमारे लीवर को भी मजबूत बनाती है। जब लीवर ठीक से काम करने लगता है तब कब्ज़ की समस्या पूरी तरह से ख़त्म हो जाती है। इस प्रकार, किशमिश का सही इस्तेमाल आपकी कब्ज़ की परेशानी को हमेशा के लिए दूर कर सकता है।
इस ब्लॉग में दिए गए उपायों को अपनाकर आप कब्ज़ से काफ़ी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। कब्ज़ से ग्रसित व्यक्ति के साथ ये जानकारी अवश्य साझा करें। यदि ऊपर दिए गए उपाय लाभदायक सिद्ध ना हों तो अपने डॉक्टर से मिलें।